कुंडली मिलान कैसे हो | फ्री में कुंडली मिलवाएं
अभी कुछ दिन पहले मेरे एक परिचित ने कहा कि मेरी पत्नी के साथ तलाक का केस चल रहा है परन्तु 36 में से 28 गुण मिलते हैं यह कैसे सम्भव है जब कुंडली मिल गई तो ये क्यों हो रहा है
कुंडली मिलान के लिए आजकल साफ्टवेयर प्रचलित हैं जिनमे पूरा गणित गुण अंक आदि सभी कुछ एक मिनट में आ जाता है | अधिकतर ज्योतिषी किसी न किसी प्रकार के साफ्टवेयर का प्रयोग करते हैं जिसमे कुछ बुराई भी नहीं है|
फिर भी कुछ ऐसी भी बातें होती हैं जो एक विद्वान् ही कर सकता है | उदाहरण के लिए हर भाव का फल, भाव में बैठे ग्रह का फल, ग्रहों के गुण स्वभाव, राशियों का गुण स्वभाव आदि एक प्रोग्राम में फिट कर दिया जाता है | उसके आधार पर न जाने कितने साफ्टवेयर बन गए हैं परन्तु ग्रहों की दृष्टि का एक दुसरे पर प्रभाव, एक ही भाव में दो या दो ग्रहों का राशि अनुसार क्या फल होगा, बल किस ग्रह का अधिक और किस ग्रह का कम है ये सब बातें कम्पयूटर के लिए बता पाना असम्भव जैसा है |
आदर्श कुंडली मिलान के लिए ज्योतिषी को केवल कम्प्यूटर पर निर्भर न रहते हुए नाडी और भकूट के परिहार स्वयं देखने चाहिए | फिर कूट मिलान का शुभाशुभ फल जो भी हो उसे अलग लिख देना चाहिए |
कुंडली मिलान फ्री में लीजिये
सबसे पहले आप अपनी और अपने पार्टनर की जन्म तारीख नीचे दिए गए फार्म में भरकर भेजें और अपना प्रश्न लिखें आपको हमारी तरफ से चौबीस घंटे में आपके प्रश्न का उत्तर मिल जाएगा बाकी की जानकारी आप इसी लेख के माध्यम से ले सकते हैं
नाडी दोष की विडम्बना
बात कुंडली मिलान की हो रही है तो नाडी के विषय में भी कुछ ऐसा ही है | यदि नाडी दोष है तो उसके परिहार भी होते हैं | परिहार का अर्थ यदि कोई दोष है तो उस दोष को समाप्त करने के लिए कुछ नियम | इस परिहार के प्रश्न का कम्प्यूटर के पास कोई उत्तर नहीं होता | शायद इसी वजह से जो रिश्ते सैटल हो सकते थे वे नहीं हो पाते |
यदि गुरु स्वराशी, मित्र राशि या उच्च, मूल त्रिकोण राशि में होकर कुंडली के सातवें घर में बैठा हो तो कुंडली के कई प्रकार के दोषों का हरण कर लेता है | उदाहरण के लिए जया बच्चन की कुंडली देखें | मेरा मानना है कि आदर्श कुंडली मिलान में नाडी का फल अवश्य होना चाहिए |
मांगलिक दोष की तीव्रता देखें
अधिकतर लोग अधकचरे ज्ञान के साथ अपनी कुंडली के मंगल को 1-4-7-8-12वें स्थान में होने मात्र से ही मांगलिक मान लेते हैं जबकि मांगलिक दोष यदि होता है तो उसकी तीव्रता ही तय करती है कि विवाह में मांगलिक योग की क्या भूमिका रहगी | यदि मांगलिक दोष आपकी कुंडली में है भी तो उससे क्या हानि हो सकती है या किस हद तक मांगलिक योग का नुक्सान हो सकता है |
जन्म लग्न का फलित
जन्म लग्न के अनुसार शुक्र से पत्नी और गुरु से पति का विचार किया जाता है | जन्म लग्न से हम अपने विषय में देखते हैं तो सातवें घर से जीवन साथी का विचार किया जाता है | इसी तरह नवमांश होता है | नवमांश से प्रेमी, प्रेमिका, सेक्स, दाम्पत्य जीवन, जीवन साथी की शिक्षा, नौकरी, आर्थिक स्थिति आदि का विचार किया जाता है | आदर्श जन्म कुंडली मिलान में इन सभी बातों का विवरण होना चाहिए कि दाम्पत्य जीवन पर लग्न, नवमांश और अन्य ग्रहों का क्या प्रभाव पड़ेगा |
मेरे विचार में यदि उपरोक्त सभी बातों का कुंडली मिलान में ध्यान रखा जाएगा तो ज्योतिष पर लोगों का विशवास और बढेगा और इससे ज्योतिष विद्या के साथ न्याय भी होगा |
अशोक प्रजापति
1 Comment
yepi · June 1, 2015 at 11:25 am
my birth detail 30 september 1990 ,time 4:53 pm ,place kathmandu Nepal
my partner detail 8 september 1992,time 2:05 pm,place kathmandu Nepal
is this match possible….please sir would be really thankful if u help me bcoj we r really worried